
सबसे सुलभ मीडिया
रेडियो विश्व का सबसे सुलभ मीडिया है। दुनिया
के किसी भी कोने में रेडियो सुना जा सकता है। वे लोग, जो पढ़ना-लिखना नहीं जानते,
रेडियो सुनकर सारी जानकारियाँ पा जाते हैं। आपातकालीन परिस्थितियों में रेडियो
सम्पर्क-साधन की भूमिका भी निभाता है और लोगों को सावधान और सतर्क करता है। कोई भी
प्राकृतिक आपदा आने पर बचाव-कार्यों के दौरान भी रेडियो महत्त्वपूर्ण भूमिका
निभाता है।
यूनेस्को ने रेडियो के इस महत्त्व को
रेखांकित करने के लिए विश्व रेडियो दिवस मनाना शुरु किया है। यूनेस्को ने सबसे
पहले विश्व-स्तर पर रेडियो दिवस मनाने की शुरुआत की थी। यूनेस्को के पेरिस स्थित
मुख्यालय में इस अवसर पर विशेष समारोह का आयोजन किया गया है। दुनिया की प्रमुख
रेडियो प्रसारण कम्पनियों को इस समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।
इनमें रेडियो रूस भी शामिल है। रेडियो रूस दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी
रेडियो प्रसारण कम्पनियों में से एक है। रेडियो रूस ने आज से 80 साल पहले अपने
प्रसारण शुरू किए थे। आज रेडियो रूस के प्रसारण दुनिया की 44 भाषाओं में दुनिया के
सभी महाद्वीपों के निवासी सुनते हैं।
शुरुआत
विश्व रेडियो दिवस मनाने की शुरुआत हाल ही
में की गई है। यूनेस्को ने सन 2011 में ही विश्व-स्तर पर रेडियो दिवस मनाने
का निर्णय लिया। 13 फ़रवरी का दिन 'विश्व रेडियो दिवस' के रूप में इसलिए चुना गया
क्योंकि 13 फ़रवरी सन 1946 से ही रेडियो यू.एन.ओ. यानि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अपने रेडियो प्रसारण की शुरुआत
की गई थी।
यूनेस्को का
मानना है कि 'विश्व रेडियो दिवस' मनाकर दुनिया के प्रमुख रेडियो प्रसारकों,
स्थानीय रेडियो स्टेशनों और सारी दुनिया के रेडियो-श्रोताओं को एक ही मंच पर लाया
जा सकेगा और उन्हें एकजुट करना संभव होगा।
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