Wednesday 22 August 2018

सौरभ चौधरी


भारत के 16 वर्षीय निशानेबाज सौरभ चौधरी ने मंगलवार को इतिहास रच दिया। सौरभ ने 10 मीटर एयर राइफल पिस्टल स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता। इसी स्पर्धा में हरियाणा के 29 वर्षीय अभिषेक वर्मा ने ब्रॉन्ज मेडल जीता।
यूपी के सौरभ चौधरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बधाई दी है। प्रदेश और देश का नाम रोशन करने पर सीएम ने उन्हें 50 लाख रुपये का पुरस्कार और राजपत्रित नौकरी देने की घोषणा की है। मालूम हो कि यूपी के मेरठ निवासी 16 वर्षीय निशानेबाज सौरभ चौधरी ने मंगलवार को इतिहास रच दिया। 

भारत ने मौजूदा एशियाई खेलों में शूटिंग स्पर्धा से पहला गोल्ड मेडल जीता। चौधरी का अंतिम-2 में मुकाबला जापान के मत्सुदा से था। जापानी निशानेबाज का दो में से पहला शॉट 8.9 पर जाकर लगा, जिससे भारतीय निशानेबाज को लाभ मिला। सौरभ ने इस मौके को जाने नहीं दिया और दोनों हाथों से लपकते हुए देश को खुशियां दी। भारत के दो निशानेबाजों ने पहली बार मौजूदा एशियाई खेलों में एक ही स्पर्धा में एकसाथ खेलते हुए दो पदक जीते।

16
वर्षीय चौधरी ने फाइनल में 240.7 का स्कोर किया और शीर्ष पर रहते हुए गोल्ड मेडल जीता। जापान के मत्सुदा टोमोयुकी को सिल्वर मेडल मिला। मत्सुदा का फाइनल स्कोर 239.7 रहा। भारत के अभिषेक वर्मा 219.3 के स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर रहे और उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीता। चीन के वु जियाउ चौथे जबकि कोरिया को ओलंपिक में कई पदक दिलाने वाले जिन जोंगोह पांचवें स्थान पर रहे।


Tuesday 21 August 2018

विनेश फोगाट


भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने 18वें एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा. ऐसा कारनामा करने वाली वो भारत की पहली महिला पहलवान बनीं. इससे पहले उन्होंने 2014 इंचियोन एशियन गेम्स में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था.
विनेश फोगाट ने एशियाई खेलों  में इतिहास रचते हुए 50 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। इस उपलब्धि के साथ वह पहली भारतीय महिला पहलवान बनी हैं, जिन्होंने एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक अपने नाम किया हो। गोल्ड मेडल के लिए खेले गए मुकाबले में विनेश ने जापान की इरी युकी को 6-2 से मात दी। बता दें कि भारत ने एशियाई खेलों में अभी तक दो ही गोल्ड मेडल अपने नाम किए हैं। दोनों ही पदक कुश्ती से मिले हैं। इससे पहले रविवार को बजरंग पूनिया ने इन खेलों का पहला गोल्ड मेडल दिलाया था।

मुश्किलों से भरा जीवन
बचपन से लेकर एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने तक का सफर विनेश के लिए कभी आसान नहीं रहा. उन्होंने सिर्फ अपनी निजी जिंदगी की कठिनाइयों को पार किया, बल्कि मजबूत हौसले के साथ आगे बढ़ती रहीं. महज दस साल की उम्र में ही जमीन विवाद के चलते उनके पिता राजपाल का मर्डर हो गया था. जो उनके जीवन की सबसे बड़ी दुखद घटना थी. लेकिन विनेश के जीवन से ताऊ महावीर फोगाट ने इस खालीपन को भरने की कोशिश शुरू की. उन्होंने विनेश को पहलवानी के गुर सिखाने शुरू किए. ताऊ महावीर और विनेश की मेहनत रंग लाई और वो देश की अंतरराष्ट्रीय पहलवान बन गईं.
चोट ने किया परेशान
एक बार फिर नई चुनौतियां विनेश का इंतजार कर रही थींरियो ओलंपिक में पैर में चोट के चलते उनके भविष्य पर सवाविया निशान लग गए. लेकिन कभी हार मानने विनेश ने इस मुसिबात का सामना पूरे हौसले के साथ किया. फिट होकर कड़ी ट्रेनिंग में जुट गईं. 2018 गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ में गोल्ड मेडल जीता. इसके बाद 18वें एशियन गेम्स में 'गोल्ड मेडल' जीतकर इतिहास रच दिया. आज विनेश की इस कामयाबी पर पूरा देश नाज कर रहा है.