Saturday 31 December 2016

सी-ट्रेन (Caterpillar-Train)

ट्रैफिक जाम की भयंकर समस्या झेल रही साइबर सिटी में ट्रैफिक सिस्टम को और भी मजबूत करने की दिशा में एक और अध्याय जुड़ने वाला है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुग्राम में कैटरपिलर ट्रेन (C-Train) के संचालन का निर्णय लिया।
इस प्रकार गुरुग्राम, कैटरपिलर ट्रेन का संचालन करने वाला भारत का पहला शहर बनेगा।

कैटरपिलर ट्रेन की परिकल्पना का निर्माण भारतीय रेलवे के इंजीनियर अश्विनी कुमार उपाध्याय और उनके सहयोगी एमिल जैकब द्वारा संयुक्त रूप से की गई।

अगस्त, 2016 में इस परिकल्पना के लिए अश्विनी कुमार उपाध्याय को मेसाचुसेट्स, प्रौद्योगिकी संस्थान, बोस्टन (MIT, Bostan) में नवाचार का ग्लोबल अवार्ड दिया गया था। अश्वनी कुमार उपाध्याय का कहना है कि सिंगापुर एमआईटी अलाइंस फॉर रिसर्च एंड टेक्नॉलजी में स्टडी के दौरान इस ट्रेन का आइडिया जनरेट हुआ। करीब 3 साल तक टेक्नॉलजी पर रिसर्च स्टडी के बाद यह प्लान फाइनल शेप में आया। उनका कहना है कि कुछ दिन पहले ही उन्होंने इंडिया में कैटरपिलर ट्रेन संचालन का मॉडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिखाया था। उस दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी मौजूद थे। बाद में मनोहर लाल ने उन्हें दिल्ली स्थित हरियाणा भवन बुलाया और कैटरपिलर ट्रेन का पूरा मॉडल देखा। उसके बाद गुड़गांव में भी कैटरपिलर ट्रेन के संचालन का प्लान बनाया गया।

इस ट्रेन को ड्राइवर की आवश्यकता नहीं होगी और इसे जीपीएस के द्वारा, बिजली से चलाया जायेगा। इसके रूट इस तरह से बनाए जाएंगे कि कैटरपिलर ट्रेन की कनेक्टिविटी दिल्ली मेट्रो से स्थापित हो सके। इसके निर्माण में मेट्रो से कम लागत आएगी, जिससे इसका किराया भी कम होगा।

इसको 100 किमी. प्रति घंटा की गति से चलाया जा सकता है।


अश्वनी कुमार ने बताया कि गुड़गांव में कैटरपिलर ट्रेन के संचालन के लिए 4 रूटों की स्टडी की गई है। ये रूट हूडा सिटी मेट्रो स्टेशन से सुशांतलोक फेज-1, एंबियंस मॉल से साइबर सिटी होते हुए उद्योग विहार, इफ्को चौक न्यू सिटी के कुछ इलाके और हूडा सिटी सेंटर से गुड़गांव-फरीदाबाद रोड हैं।
1 किमी. कॉरिडोर पर खर्च होंगे 10-15 करोड़

मेट्रो की तुलना में कैटरपिलर कॉरिडोर तैयार करना आसान और सस्ता है। जहां कैटरपिलर ट्रेन के लिए एक किलोमीटर कॉरिडोर तैयार करने में करीब 10-15 करोड़ रुपये की लागत आएगी, वहीं इस दूरी तक मेट्रो कॉरिडोर बनाने में करीब 150 करोड़ रुपये की लागत आती है। अश्वनी कुमार ने बताया कि कैटरपिलर के लिए कॉरिडोर तैयार करने में करीब 2 साल का वक्त लगेगा।

50-60 लोगों के बैठने की सुविधा होगी

यहां चलाए जाने वाले कैटरपिलर ट्रेन में 3 कोच होंगे। प्रत्येक कोच में 20 यात्रियों के बैठने की सुविधा होगी। दिन भर में यह ट्रेन करीब 200 चक्कर लगाएगी, जिससे रोजाना कम से कम 10-12 हजार लोग इसमें यात्रा कर सकेंगे। अफसरों का कहना है कि कैटरपिलर ट्रेन का कॉरिडोर तैयार करने में मेट्रो से कम लागत आएगी, इसलिए इसका किराया भी कम होगा।

दिल्ली के नए उपराज्यपाल

 शीर्ष आईएएस अधिकारी अनिल बैजल दिल्ली के  21वें उप-राज्यपाल होंगे। नजीब जंग के एकाएक इस्तीफा देने के बाद से यह पद रिक्त है। 1969 बैच के आईएएस अधिकारी बैजल अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के अधीन केंद्रीय गृह सचिव थे और साथ ही अन्य मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं।
70 साल के बैजल की नियुक्ति के कागजात मंजूरी के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास भेजे गए, जिसे उन्होंने मंजूर कर लिया है। बैजल 30 दिसंबर को उप राज्यपाल पद की शपथ लेंगे। वह 2006 में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए थे। वह दिल्ली विकास प्राधिकरण के पूर्व उप प्रमुख हैं। साथ ही वह एयर इंडिया के सीएमडी और प्रसार भारती के सीईओ पद पर भी रह चुके हैं।
बैजल मनमोहन सिंह सरकार द्वारा शुरू किए गए 60,000 करोड़ रुपए की लागत वाले जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) की अभिकल्पना एवं लोकार्पण से सक्रियता से जुड़े हुए थे।

वह थिंक टैंक विवेकानंद इंटरनेशनल की कार्यकारी परिषद में भी थे। थिंक टैंक के कई पूर्व सदस्यों को मोदी सरकार ने वरिष्ठ पदों पर नियुक्त किया है, जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल हैं। जंग ने 22 दिसंबर को पद से इस्तीफा दे दिया था। इस बीच सरकार ने आज राष्ट्रपति से जंग का इस्तीफा मंजूर करने की सिफारिश की है।