Wednesday 28 December 2016

भारत माला परियोजना

भारत भौगोलिक द्रष्टि से दक्षिण में हिन्द महासागर, बंगाल की खाडी और अरब सागर से घिरा हुआ है। सागर माला परियोजना के तहत गुजरात से लेकर पश्चिम बंगाल तक के समुद्र के तट्वर्ती बंदरगाहो के विकास के साथ साथ नये बंदरगाह के निर्माण और जुडाव के लिये सडक और रेल नेटवर्क का विकास किया जा रहा है इसी विकास के साथ समन्वय स्थापित करने के लिये उत्तरभारत के सभी प्रदेशों को बंदरगाहों से जोडने के लिये उत्तरभारत में सागरमाला की तर्ज पर भारतमाला परियोजना का विकास किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय सीमा वाले प्रदेशों में अच्छे सडक एवम रेल नेट्वर्क स्थापित किये जा सकें जो उत्तरभारत के व्यापारिक हितों के साथ साथ भारत के सामरिक हितों का भी लक्ष्य साध सकें।

भारतमाला मोदी सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना का नाम है। इसके तहत भारत के पूरब से पश्चिम तक यानी मिजोरम से गुजरात तक सीमावर्ती इलाकों में सड़क बनाई जाएगी। इस पर करीब 14,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस सड़क को महाराष्ट्र से पश्चिम बंगाल तक तटीय राज्यों में एक रोड नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।पूरब से पश्चिम तक भारत की पूरी सीमा को कवर करने के लिए लगभग 5,300 किमी की नई सड़कें बनानी होंगी और इस पर 12,000-14,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। सरकार को पांच साल में यह प्रॉजेक्ट पूरा करने की उम्मीद है। इसका काम गुजरात और राजस्थान से शुरू होगा। फिर पंजाब और जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड का नंबर आएगा। इसके बाद उत्तर प्रदेश और बिहार के तराई क्षेत्र में काम पूरा करने के बाद सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश से होते हुए मणिपुर और मिजोरम में भारत-म्यांमार बॉर्डर तक सड़कें बनाई जाएंगी।
भारतमाला प्लान में रणनीतिक पहलू भी है। इससे सीमावर्ती इलाकों से बेहतर संपर्क संभव होगा, जिनके एक बड़े हिस्से के उस पार चीन का शानदार रोड इंफ्रास्ट्रक्चर है। सड़कें बेहतर होने पर मिलिट्री ट्रांसपोर्ट बेहतर हो सकेगा। अधिकारियों ने कहा कि ये सड़कें बन जाने पर बॉर्डर ट्रेड भी बढ़ेगा। साथ ही, कई राज्यों में बेहतर सड़कों से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। इस योजना में सड़कों का ज्यादातर हिस्सा पहाड़ी राज्यों में बनेगा, जहां संपर्क और आर्थिक गतिविधियों का मामला कमजोर है। 
भारतमाला परियोजना के तहत उत्तराखंड के चार धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री एवम गंगोत्री को भी उन्नत मार्गों से जोडा जायेगा। 

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