Friday 30 December 2016

भारतीय रिजर्व बैंक के नए डिप्टी गवर्नर

28 दिसंबर, 2016 को मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने न्यूयार्क विश्वविद्यालय के स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर विरल वी. आचार्य को आरबीआई के चौथे डिप्टी गवर्नर चुना | रिजर्व बैंक के 4 डिप्टी गवर्नरों में से एक पद खाली था क्योंकि उस पद पर मौजूद उर्जित पटेल को गवर्नर बना दिया गया था. विरल आचार्य, एनएस विश्वनाथन, एस एस मुंद्रा और रामा सुब्रमण्यम गांधी के साथ आरबीआई के चौथे डिप्टी गवर्नर होंगे. आचार्य को बैंकों और कॉर्पोरेट फाइनेंस का एक्सपर्ट माना जाता है
भारतीय रिजर्व बैंक ने विरल आचार्य को 3 साल के लिए डिप्टी गवर्नर के पद के लिए चुना है. विरल आचार्य जीएसटी बिल के समर्थक हैं और अक्टूबर में उन्होंनें कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था सुधार की तरफ है. विरल आचार्य ने बैंकों, कॉर्पोरेट फाइनेंस, ऋण जोखिम और परिसंपत्ति मूल्य निर्धारण के विनियमन पर रिसर्च किया है वह वित्तीय क्षेत्र में प्रणालीगत जोखिम क्षेत्र में विश्लेषण और शोध के लिए जाने जाते हैं। और उनको हाल ही में राइजिंग स्टार इन फाइनेंस अवॉर्ड से भी नवाजा गया था. पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन की तरह विरल आचार्य भी शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं.
पहली बार रिजर्व बैंक द्वारा डिप्टी गवर्नर पद पर चयन हेतु विज्ञापन निकाला गया था। आरबीआई में डिप्टी गवर्नर के 4 पद हैं, जिसमें 2 पद प्रमोशन द्वारा, 1 पद वाणिज्यिक बैंकर द्वारा तथा 1 पद एक अर्थशास्त्री द्वारा भरा जाता है।

विरल आचार्य 2008 से न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं. इससे पहले आचार्य लंदन बिजनेस स्कूल से प्राइवेट इक्विटी इंस्टीट्यूट के फाइनेंस एंड एकेडमी डायरेक्टर थे. 2014 में वह सेबी के तहत एकेडमिक काउंसिल ऑफ द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटीज मार्केट्स के सदस्य भी रहे हैं. उन्होंने 1995 में आईआईटी मुंबई से कम्प्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. इसके अलावा विरल आचार्य के पास बैंक ऑफ इंग्लैंड में भी काम करने का अनुभव रहा है|

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