वर्ष 1961 में स्थापित
भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा संविधान की 8 वीं अनुसूची में वर्णित 22 भारतीय भाषाओं
में लेखन करने वाले साहित्यकार को उनके जीवनभर के साहित्यिक योगदान के फलस्वरूप यह
पुरस्कार प्रदान किया जाता है। भारतीय ज्ञानपीठ न्यास
द्वारा ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। इसमें
पुरस्कार स्वरूप 11 लाख रुपये, प्रशस्तिपत्र
और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती
है। प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार 1965 में मलयालम लेखक जी शंकर
कुरुप को प्रदान किया गया था।
ज्ञानपीठ पुरस्कार वर्ष 2016 में आधुनिक बांग्ला साहित्य के लब्ध प्रतिष्ठित बांग्ला कवि
शंख घोष को दिया जायेगा. दो दशकों के बाद किसी बांग्ला लेखक को देश का सर्वोच्च
साहित्य पुरस्कार प्रदान किया गया है. विद्वान, समालोचक और लेखक डॉ. नामवर सिंह की अध्यक्षता में ज्ञानपीठ चयन बोर्ड की बैठक
में निर्णय किया गया कि वर्ष 2016 का 52वां ज्ञानपीठ पुरस्कार
आधुनिक बांग्ला साहित्य के जानेमाने कवि शंख घोष को प्रदान किया जायेगा| इससे पहले 1996 में बांग्ला लेखिका महाश्वेता देवी को ज्ञानपीठ पुरस्कार
प्रदान किया गया था. इस लिहाज से वह 19 साल बाद देश का सर्वोच्च साहित्य सम्मान पाने वाले बांग्ला लेखक हैं.
घोष की प्रमुख रचनाओं में आदिम लता-गुलमोमॉय, मूखरे बारो, सामाजिक नोय, बाबोरेर प्रार्थना, दिनगुली रातगुली और निहिता पातालछाया शामिल हैं. उनका जन्म 1932 में हुआ था और उन्हें कवि, आलोचक और विद्वान के तौर पर जाना जाता है. घोष को साहित्य अकादेमी पुरस्कार, सरस्वती सम्मान, रबीन्द्र पुरस्कार जैसे महत्वपूर्ण पुरस्कारों से नवाजा गया है.
घोष की प्रमुख रचनाओं में आदिम लता-गुलमोमॉय, मूखरे बारो, सामाजिक नोय, बाबोरेर प्रार्थना, दिनगुली रातगुली और निहिता पातालछाया शामिल हैं. उनका जन्म 1932 में हुआ था और उन्हें कवि, आलोचक और विद्वान के तौर पर जाना जाता है. घोष को साहित्य अकादेमी पुरस्कार, सरस्वती सम्मान, रबीन्द्र पुरस्कार जैसे महत्वपूर्ण पुरस्कारों से नवाजा गया है.
वह इस पुरस्कार को पाने वाले छठवें बांग्ला लेखक हैं।
इससे पहले बांग्ला लेखकों
ताराशंकर, विष्णु डे, सुभाष मुखोपाध्याय, आशापूर्णा देवी और महाश्वेता देवी को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिल चुका है. पहला
ज्ञानपीठ पुरस्कार वर्ष 1965 में मलयालम लेखक जी शंकर कुरूप को प्रदान किया गया था और पिछली दफा वर्ष 2015 के ज्ञानपीठ पुरस्कार से गुजराती लेखक रघुवीर चौधरी को
नवाजा गया था|
वर्ष 1965 से अब तक ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेताओं की
सूची:-
वर्ष
|
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार
|
2016
|
शंख घोष
(बांग्ला)
|
2015
|
रघुवीर चौधरी
(गुजराती)
|
2014
|
भालचन्द्र
नेमाड़े (मराठी) एवं रघुवीर चौधरी (गुजराती)
|
2013
|
केदारनाथ
सिंह (हिन्दी)
|
2012
|
रावुरी
भारद्वाज (तेलुगू)
|
2011
|
प्रतिभा राय
(ओड़िया)
|
2010
|
चन्द्रशेखर
कम्बार (कन्नड)
|
2009
|
अमरकान्त व
श्रीलाल शुक्ल (हिन्दी)
|
2008
|
अखलाक
मुहम्मद खान शहरयार (उर्दू)
|
2007
|
ओ.एन.वी.
कुरुप (मलयालम)
|
2006
|
रवीन्द्र
केलकर (कोंकणी) एवं सत्यव्रत शास्त्री (संस्कृत)
|
2005
|
कुँवर नारायण
(हिन्दी)
|
2004
|
रहमान राही
(कश्मीरी)
|
2003
|
विंदा
करंदीकर (मराठी)
|
2002
|
दण्डपाणी
जयकान्तन (तमिल)
|
2001
|
राजेन्द्र
केशवलाल शाह (गुजराती)
|
2000
|
इंदिरा
गोस्वामी (असमिया)
|
1999
|
निर्मल वर्मा
(हिन्दी) एवं गुरदयाल सिंह (पंजाबी)
|
1998
|
गिरीश कर्नाड
(कन्नड़)
|
1997
|
अली सरदार
जाफरी (उर्दू)
|
1996
|
महाश्वेता
देवी (बांग्ला)
|
1995
|
एम.टी.
वासुदेव नायर (मलयालम)
|
1994
|
यू.आर.
अनंतमूर्ति (कन्नड़)
|
1993
|
सीताकांत
महापात्र (ओड़िया)
|
1992
|
नरेश मेहता
(हिन्दी)
|
1991
|
सुभाष
मुखोपाध्याय (बांग्ला)
|
1990
|
वी.के.गोकक
(कन्नड़)
|
1989
|
कुर्तुल एन.
हैदर (उर्दू)
|
1988
|
डॉ. सी
नारायण रेड्डी (तेलुगु)
|
1987
|
विष्णु वामन
शिरवाडकर कुसुमाग्रज (मराठी)
|
1986
|
सच्चिदानंद
राउतराय (ओड़िया)
|
1985
|
पन्नालाल
पटेल (गुजराती)
|
1984
|
तक्षी
शिवशंकरा पिल्लई (मलयालम)
|
1983
|
मस्ती
वेंकटेश अयंगर (कन्नड़)
|
1982
|
महादेवी
वर्मा (हिन्दी)
|
1981
|
अमृता प्रीतम
(पंजाबी)
|
1980
|
एस.के.
पोट्टेकट (मलयालम)
|
1979
|
बिरेन्द्र
कुमार भट्टाचार्य (असमिया)
|
1978
|
एच. एस.
अज्ञेय (हिन्दी)
|
1977
|
के. शिवराम
कारंत (कन्नड़)
|
1976
|
आशापूर्णा
देवी (बांग्ला)
|
1975
|
पी.वी.
अकिलानंदम (तमिल)
|
1974
|
विष्णु सखा
खांडेकर (मराठी)
|
1973
|
दत्तात्रेय
रामचंद्र बेन्द्रे (कन्नड़) एवं गोपीनाथ महान्ती (ओड़िया)
|
1972
|
रामधारी सिंह
दिनकर (हिन्दी)
|
1971
|
विष्णु डे
(बांग्ला)
|
1970
|
विश्वनाथ
सत्यनारायण (तेलुगु)
|
1969
|
फ़िराक
गोरखपुरी (उर्दू)
|
1968
|
सुमित्रानंदन
पंत (हिन्दी)
|
1967
|
के.वी.
पुत्तपा (कन्नड़) एवं उमाशंकर जोशी (गुजराती)
|
1966
|
ताराशंकर
बंधोपाध्याय (बांग्ला)
|
1965
|
जी शंकर
कुरुप (मलयालम)
|
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