Monday 20 February 2017

मारग्रेट थैचर

मारग्रेट हिल्डा थैचर, बैरोनेस थैचर (13 अक्टूबर 1925 – 8 अप्रैल 2013) ब्रिटिश राजनीतिज्ञ थीं, जो बीसवी शताब्दी में सबसे लंबी अवधि (1979–1990) के लिए यूनाईटेड किंगडम की प्रधानमंत्री रही थीं और ब्रिटेन की पहली महिला प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर 20वीं सदीं की दुनिया की प्रभावशाली नेताओं में से एक थी। वे 11 साल तक प्रधानमंत्री की कुर्सी पर रहीं। इस दौरान उन्होंने ब्रिटेन को एक नई दिशा दी
पिता का प्रभाव
मार्गरेट का जन्म 13 अक्टूबर 1925 में हुआ था वे लिंकनशायर के ग्रेंथम नामक स्थान पर जन्मी थीं मार्गरेट थैचर के पिता एल्फ्रेड रॉबटर्स किराना की एक दुकान चलाते थे। वे मैथेडिस्ट चर्च के प्रचारक और स्थानीय परिषद के सदस्य थे। मारग्रेट के जीवन पर उनके पिता के विचारों का प्रभाव देखा जा सकता है। विवाह से पहले वे मार्गरेट हिल्दा राबर्ट्‍स थीं। उनका 1951 मेंडेनिस थैचर से से विवाह हुआ था  डेनिस और मार्गरेट के दो बच्चे हैं, जिनमें से बड़ी संतान उनकी बेटी कैरल थैचर है और मार्क थैचर उनका बेटा है।
उन्होंने सम‍रविले कॉलेज, ऑक्सफोर्ड से डिग्री हासिल की थी और वे राजनीति में आने से पहले पेशे से एक रिसर्च केमिस्ट थीं लेकिन चूंकि उन्हें राजनीति में अपना करियर बनाना था इसलिए उन्होंने इन्स ऑफ कोर्ट से वकालत भी पढी।
ग़रीबों को मिला घर
प्रधानमंत्री रहते हुए थैचर ने बहुत सी कल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं। उन्होंने कम आय वर्ग के लोगों के लिए बने-बनाए सरकारी घर देने की योजना की शुरुआत की। उनके कार्यकाल में शुरू हुए निजीकरण के दौर के बाद ग़रीब लोगों ने भी ब्रिटिश गैस और बीटी जैसी कंपनियों के शेयर खरीदे।

बच्चों का दूध छीनने वाली मंत्री
साल 1970 में हुए आम चुनाव के बाद कंजर्वेटिव पार्टी सत्ता में वापस लौटी। प्रधानमंत्री टैड हीथ की सरकार में मारग्रेट थैचर को शिक्षामंत्री की ज़िम्मेदारी सौंपी गई। शिक्षामंत्री बनने के बाद थैचर ने सात से 11 साल तक के बच्चों को स्कूल में दिए जाने वाले दूध पर रोक लगा दी। उनके इस फैसले के बाद लेबर पार्टी ने उन्हें दूध छीनने वालीकी उपाधि दे दी।

प्रधानमंत्री को चुनौती
मार्गरेट थैचर 1975 में बनी छद्म सरकार में पर्यावरण मंत्री बनाई गईं। वे प्रधानमंत्री हीथ के पार्टी की नीतियों के खिलाफ जाने की वजह से उनसे नाराज थी। इसलिए उन्होंने कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पद के चुनाव में हीथ के खिलाफ खड़ा होने का फैसला किया। पहले दौर में उन्हें हीथ को हरा दिया और दूसरे दौर में उनका सामना विली ह्वाइटलो से हुआ। उन्हें भी हराने में थैचर को कोई परेशानी नहीं हुई। ब्रिटेन के इतिहास में पहली बार कोई महिला किसी राजनीतिक पार्टी की नेता चुनी गई थी।

लौह महिला
मार्गरेट थैचर ने 1976 में भाषण देते हुए तत्कालीन सोवियत संघ की दमनकारी नीतियों की जमकर आलोचना की उनकी राजनीति में पैठ का यह आलम था कि एक रूसी पत्रकार ने उन्हें आयरन लेडी (लौह महिला) कहा था और बाद में यह शब्द उनके साथ जोड़ा जाता रहा। उन्होंने एक ऐसी नेतृत्व शैली विकसित की और उनकी राजनीति में समझौते की कोई गुंजाइश नहीं थी। इन अनुदारवादी नीतियों को उन्होंने अपनाकर ब्रिटेन में थैचरिज्म को जन्म दिया। 
घरेलू राजनेता
मार्गरेट थैचर ने गृहणी राजनीतिज्ञ की छवि गढ़ने के बाद, वे यह जानती थीं कि महंगाई का एक आम परिवार पर क्या प्रभाव पड़ता है। इसे जानते हुए उन्होंने ट्रेड यूनियन के अधिकारों को कम करना शुरू कर दिया। साल 1979 को मजदूरों के असंतोष के साल के रूप में जाना जाता है।

अर्जेंटीना को जवाब
मार्गरेट थैचर 1979 में प्रधानमंत्री बनीं। उनकी लोकप्रियता अप्रैल 1982 में उस समय चरम पर पहुंच गई जब उन्होंने फॉकलैंड द्वीप पर अर्जेंटीना के हमले का करारा जवाब दिया। इस वजह से अर्जेंटीना को पीछे हटना पड़ा।
अंतिम समय पर उनकी आयु 87 वर्ष थी। वे अपने अंतिम समय तक चेस्टर स्क्वायर स्थित बंगले में रहीं।
उनका मैथडिज्म में यकीन था और वे अंतिम समय में अल्जाइमर से भी पीड़ित हो गई थीं जिस कारण से उनकी बेटी कैरल उनकी घर पर रहकर देखभाल करती थीं। उनके निधन से ब्रिटेन ही नहीं वरन सारी दुनिया का एक महान नेता खो दिया 

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